हलासन(Halasan)
विधि:
१. पीठ के बल लेट जायें,अब श्वास अंदर भरते हुए धीरे से पैरो को उठाये। पहले ३०,६० डिग्री फिर ९० डिग्री तक उठाने के बाद पैरो को सीर के पीछे की और पीठ को भी ऊपर उठाते हुए श्वास को बहार निकालते हुए ले जाये।
२. पैरो को सर के पीछे भूमि पर टिका दें। प्रारम्भ में हाथो को कमर के पीछे लगा दे। पूरी स्थिति में हाथ भूमि पर ही रखे,इस स्थिति में ३० सेकंड रखे।
३. वापस जिस क्रम से ऊपर आए थे उसी क्रम से भूमि को हथेलियों को दबाते हुए पैरो को घुटनो से सीधा रखते हुए भूमि प्रर रखे।
१. थाइराइड ग्रंथि को चुस्त और मोटापा,दुर्बलता आदि को दूर करता है।
२. मेरुदण्ड को स्वस्थ,लचीला बना कर पृष्ठ भाग की मास पेशियों को निरोगी बनता है।
३. गैस, कब्ज,डायबिटीस,यकृत-वृद्धि एवं हदय रोग में लाभकारी है।
सावधानियाँ :
१. उच्च रक्तचाप,स्लिपडिस्क,सर्वाइकल, टी.बि. आदि मेरुदण्ड के रोगी इस आसान को ना करे।
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