पवन मुक्तासन (Pawanmukta asan)
विधि:
१. सीधे लेट कर दाये पैर के घुटने को छाती पर रखे।
२. दोनों हाथो को,अंगुलियों एक दूसरे में सड़ते हुए घुटने पर रखे ,श्वास बाहर निकलते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाये एवं सर को उठाते हुए घुटने से नासिका स्पर्श करे,करीब १० से ३० सेकंड तक श्वास को बाहर रोकते हुए इस स्थिति में रहकर फिर पैर को सीधा कर दे।
३. इसी तराह दूसरे पैर से करे। फिर दोनों पैरो से एक साथ करे। इस प्रकार ३ से ५ बरी करे।
४. दोनों पैरो को पकड़ के शरीर को आगे-पीछे-दये-बाये लुढ़काए।
लाभ:
१. ये आसन वायुविकार ,स्त्री रोग अल्पावर्त,कष्टार्त्तव एवं गर्भाशय सम्बन्धी रोगो के लिए लाभदायी है।
२. मोटापा,अम्लपित्त,हदयरोग,गठिया एवं कटी पीड़ा में लाभदायी है।
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