प्राणायाम:
श्वास-पश्वास की गति को यथाशक्ति अनुसार नियंत्रित करना प्राणायाम कहलाता है। प्राणायाम के चार प्रकार है :-
१. बाह्यवृति, २. आभ्यन्तरवृति, ३. स्तम्भवृत्ति, ४. बाह्याभ्यन्तर विषयाक्षेपि
विधि :
जब श्वास भीतर से बाहर आये, तब बाहर ही कुछ-कुछ रोकता रहे और जब बाहर से भीतर जाये तब उसको भीतर ही थोड़ा-थोड़ा रोकता रहे.स्त्रियाँ भी इसी प्रकार योगाभ्यास कर सकते है।
बाह्याभ्यन्तर विषयाक्षेपी
विधि :
जब श्वास भीतर से बाहर आये, तब बाहर ही कुछ-कुछ रोकता रहे और जब बाहर से भीतर जाये तब उसको भीतर ही थोड़ा-थोड़ा रोकता रहे.स्त्रियाँ भी इसी प्रकार योगाभ्यास कर सकते है।
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