कपालभाति प्राणायाम को करते समय मन में ऐसा विचार करना चाहिए की जैसे ही मैं श्वास को बाहर निकल रहा हूँ, इस पश्वास के साथ मेरे शरीर के समस्त रोग बाहर निकल रहे है।
तीन मिनिट से प्रारम्भ करके पांच मिनिट तक इस प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। प्रणायाम करते समय जब-जब थकान अनुभव हो तब-तब बीच में विश्राम कर ले। प्रारम्भ में पेट या कमर में दर्द हो सकता है। वो धीरे धीरे अपने आप मिट जायेगा।
लाभ:
१. मष्तिष्क पर तेज,आभा व् सौन्दर्य बढ़ता है।
२. हदय,फेफड़ो एवं समस्त कफ रोग,दम,श्वास,एलर्जी,साइनस आदि रोग नष्ट होते है।
३. मधुमेह,मोटापा, गैस ,कब्ज,किडनी व् प्रोस्ट्रेट से संबधित सभी रोग दूर होते है।
४. कब्ज जैसे रोग इस प्राणायाम से रोज ५ मिनिट तक प्रतिदिन करने से मिट जाते है। मधुमेह नियमित होता है तथा मोटापा दूर होता है।
५. मन स्थिर ,शांत रहता है। जिससे डिप्रेशन आदि रोगो से लाभ मिलता है।
६. इस प्राणायाम से यकृत,प्लीहा,आन्त्र ,प्रोस्टेट एवं किडनी का आरोग्य विशेष रूप से बढ़ता है। दुर्बल आंतो का सबल बनाने के लिए यह प्राणायाम लाभदाई है।
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