युवाओं में आहार से जुड़ी बुरी आदतें सेहत के लिए खतरे की घंटी हो सकती हैं। लेकिन इन्हें चाहकर भी बदलना आसान नहीं होता। इसलिए सारी आदतों को एक साथ बदलने का प्रयास न करें। एक-एक करके आदतों को बदला जा सकता है। सभी आदतों को एक समय में बदलने की कोशिश में सफलता नहीं मिलती और ऐसा व्यक्ति निराश हो सकता है। किसी व्यक्ति में बेड टी यानि सुबह-सुबह बिस्तर पर चाय पीना, जंक फूड का अधिक सेवन, कम पानी पीना, भोजन में फाइबर डाइट न लेना और बाहर की खुली वस्तुएँ खाने की बुरी आदतें हो सकती हैं।
सभी आदतों को एक साथ बदलना सरल नहीं है इसलिए पहले बुरी हैबिट का चुनाव करें और इसे बदलने का प्रयास करें। एक आदत बदलने के बाद दूसरी आदत बदलने की कोशिश करें।
बेड टी है बैड हैबिट
बेड टी की आदत से शरीर में एसीडिटी और गैस की समस्या हो सकती है। इसलिए बेड टी की जगह कुनकुने पानी में शहद या नीबू का रस मिलाकर पिएं। इससे पाचन क्रिया सही रहेगी, रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी और ब्लड सर्क्यूलेशन भी संतुलित रहेगा। इसके एक घंटे बाद चाय का सेवन करें। इस आदत को छोड़ने के बाद जब तक आप श्योर न हो जाएँ तब तक दूसरी आदत को बदलने का न सोचें।
जंक फूड से खुद को बचाएं
शाम के समय नमकीन, पिज्जा, बर्गर व पेटीस खाना भी एक बुरी आदत है। इनके सेवन से शरीर को किसी प्रकार का न्यूट्रीशन प्राप्त नहीं होता है केवल पेट भरता है। यह मोटापा बढ़ने व भोजन में रूचि कम होने की समस्या भी पैदा करते हैं। शाम को यदि भूख महसूस हो तो फास्ट फूड या जंक फूड की जगह फलों का सेवन करें जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं।
खूब पिएं पानी
कम पानी पीने से कॉन्स्टिपेशन, बदहजमी, पेट की समस्या, जलन, थकान जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं। दिन भर में कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए।
फाइबर है जरूरी
भोजन में रेशेदार पदार्थों का सेवन न करना भी आहार की दृष्टि से बुरी आदतों में शुमार होता है। इसलिए ब्रेड, बिस्किट आदि की जगह-रोटी व दलिया, सब्जियों के सूप की जगह-कच्ची सलाद व फलों के रस की जगह-पूरे फल का सेवन करें। इन सभी चीजों को धीरे-धीरे अपने आहार में शामिल करें ताकि बुरी आदतों को बदला जा सके।
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