विधिः
अनामिका अंगुली को अंगूठे के मूल पर लगाकर अंगूठे से दबायें।
लाभ:
इस मुद्रा से शरीर संतुलित होता है।, वजन घटता है एवं मोटापा काम होता है पाचन में मदद मिलती है। तनाव में कमी, शक्ति का विकास , रक्त में कोलेस्ट्रोल कम होता है। इस मुद्रा के अभ्यास से मधुमेह,यकृत के दोष दूर होते है।
सावधानी: इस मुद्रा को दुर्बल व्यक्ति न करें। गर्मी में ज्यादा समय तक न करें।
अनामिका अंगुली को अंगूठे के मूल पर लगाकर अंगूठे से दबायें।
लाभ:
इस मुद्रा से शरीर संतुलित होता है।, वजन घटता है एवं मोटापा काम होता है पाचन में मदद मिलती है। तनाव में कमी, शक्ति का विकास , रक्त में कोलेस्ट्रोल कम होता है। इस मुद्रा के अभ्यास से मधुमेह,यकृत के दोष दूर होते है।
सावधानी: इस मुद्रा को दुर्बल व्यक्ति न करें। गर्मी में ज्यादा समय तक न करें।
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