गले की कोई भी समस्या है तो उसके लिए घरेलू उपचार कर सकते हैं।
रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं।
मांस, रूखा भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, उड़द इन चीजों से परहेज करें।
1 कप पानी में 4 - 5 कालीमिर्च एवं तुलसी की 5 पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाएं। साधारण भोजन करें।
गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं। गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से गले का रोग दूर हो सकता है।
पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें।
धनिए के दानों को पीसकर उसमें गुलाब जल मिलाएं और गले पर चंदन लगाएं।
कालीमिर्च को पीसकर घी या बताशे के साथ चाटें। कालीमिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो सकते हैं।
रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं।
मांस, रूखा भोजन, सुपारी, खटाई, मछली, उड़द इन चीजों से परहेज करें।
1 कप पानी में 4 - 5 कालीमिर्च एवं तुलसी की 5 पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाएं। साधारण भोजन करें।
गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं। गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से गले का रोग दूर हो सकता है।
पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें।
धनिए के दानों को पीसकर उसमें गुलाब जल मिलाएं और गले पर चंदन लगाएं।
कालीमिर्च को पीसकर घी या बताशे के साथ चाटें। कालीमिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो सकते हैं।
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