पैरों और टांगों में नसों का ऐंठना फूलना (Squirm of nerves in the feet and legs swell)
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गर्भावस्था या पीरियड्स के दौरान ये समस्या सबसे ज्यादा होती है।
पानी गर्म करके उसी से सेंक कर लें।
हड्डियां कमजोर होने पर पैरों में ऐंठन और दर्द होता है, ऐसे में कैल्शियम से भरपूर भोजन का सेवन करें। हर दिन ऐसा करने पर कुछ समय बाद दर्द होना बंद हो जाएगा।
खाने वाले चूने का पानी दिन में ३-४ बार लेवे |
पैरों में ऐंठन होने पर सरसों के तेल से मसाज करवा लें। इससे पैरों में रक्त का संचार अच्छी तरह हो जाता है और दर्द में राहत मिलती है।
अपनी प्रतिदिन की खुराक में नट्स, बीन्स, साबून अनाज वाली ब्रेड, केला और संतरों को शामिल करें। इनमें पौटेशियम और मैग्नीशियम, भरपूर मात्रा में होता है है जिससे पैरों में होने वाली ऐंठन में आराम मिलता है।
जिस जगह पर दर्द हो रहा हों, वहां लैवेंडर ऑयल या रोजमैरी ऑयल लगाकर मसाज करें। बाद में तौलिए से लपेट लें।
सरसों के तेल को गुनगुना करके पैरों पर लगाएं।
दिन में तीन केले प्रतिदिन खाने पर दर्द, छूमंतर हो जाएगा |
हमें डेरी उत्पादों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए जैसे दूध, दही, पनीर, चीज, मक्खन, सोया मिल्क आदि। इसके अलावा जमीन के भीतर उगने वाली सब्जियों जैसे आलू, गाजर, मूली, शलजम, चुकंदर आदि में भी विटामिन बी 12 आंशिक रूप से पाया जाता है।
पैरों में दर्द होने पर सबसे पहले कारण जानने का प्रयास करें। अगर गर्भवती स्त्री को होता है, तो उस प्रकार का उपाय करें। बच्चों को होने पर उनकी मालिश करें। लेकिन अगर ये दर्द हमेशा होता है तो डॉक्टर से सलाह लें।
कई बार कुछ विशेष दवाओं से भी पैरों में ऐंठन होने लगती है, जैसे- गर्भनिरोधक, डिप्रेशन दूर करने वाली आदि। ऐसे में अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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