Monday, August 3, 2015

नकसीर ( नाक से खून निकलना ), Bloody Nose (Nosebleed) Causes and Treatments


Hemorrhage (bleeding from the nose): - 

तुरन्त नकसीर बन्द करने के लिए-

1. थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।
2. जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिर पर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ी पीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी।
3) प्याज को काटकर नाक के पास रखें और सूंघें।
4) काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इसकी खुशबू सूंघें।
5) रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो।
6) जब नाक से खून बह रहा हो तो कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से सांस लें।
7) किसी भी प्रकार के धूम्रपान (एक्टिव या पैसिव दोनों) से बचें।
8) पित्त शामक '' गुलकंद''का सेवन करे और साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें।
9) शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर , उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में में ही तुरंत आराम आता है .
10) अगर लगातार शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्म हो जाती है |
11) सिर को आगे की ओर झुकाएं न कि पीछे की ओर। - ठंडे पानी में भीगे हुए रुई के फाए को नाक पर रखें। रुई के छोटे-छोटे फायों को पानी में भिगोकर फ्रीजर में रख लें। इनसे सिकाई करें।
12) साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें। 
13) इन उपायों के अलावा सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखने से भी राहत मिलेगी। 
- यदि आप ठंडे पानी की धार सिर पर डालें तो नाक से खून आना आमतौर पर बंद हो जाता है। 
14) बच्चों को इस पानी में मिश्री या बताशा मिलाकर पिलाने से किसी भी तरह की नकसीर हमेशा के लिए बन्द हो जाती है।
15) दूब का रस 10 बूंद, तिली का तेल 5 बूंद, फिटकरी 1 रत्ती मिलाकर नस्य लें। दिन में 3-4 बार करने से दारुण नकसीर भी ठीक हो जाएगी।
16) सेलखरी और सोना गेरू पीसकर 3-3 माशे, शीतल जल के साथ दिन में 3 बाद देने से नाक से रक्तस्त्राव होना बंद हो जाता है। यही रोग रक्त प्रदर में भी अच्छा लाभ करता है।
17) रोगी को सीधा सुलाकर दूब का रस और प्याज का रस मिलाकर उसके दोनों नथुने रस से भर दें तो नकसीर का लहू तत्काल ही बंद हो जाएगा।
18) सूखे आंवलों को घी में तलकर पीसकर मस्तक पर लेप करें। (तलने के बाद पानी डालकर पीसना चाहिए) 
19) पके मिटटी के बर्तन में चने भरकर घी में तलें, तत्पश्चात उसमें कालीमिर्च तथा इलायची के दानों का 4-4 रत्ती चूर्ण डालकर प्रातःकाल सेवन करें और बैंगन रस को मुख पर लगाएं और सूंघे।
20) ऊंट के बाल जलाकर भस्म बना लें और महीन पीसकर नस्य दें, नकसीर रोकने में अक्सीर है। 
21) यदि गर्मी में लहू गिरता हो तो आम की गुठली का रस निकालकर डालना चाहिए। कागज की राख सूंघना भी लाभप्रद है।


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