Wednesday, August 12, 2015

आप तुलसी के पौधे के बीज को संभाल कर रक्खे ये बड़े काम की है ....!

जब भी तुलसीमेंखूबफुलयानीमंजिरीलगजाएतोउन्हेंपकनेपरतोड़लेनाचाहिएवरनातुलसीकेझाडमेंचीटियाँ औरकीड़ेंलगजातेहैऔरउसेसमाप्तकरदेतेहै. इनपकीहुईमंजिरियों कोरखले. इनमेसेकालेकालेबीजअलगहोंगेउसेएकत्रकरले. यहीसब्जाहै. अगरआपकेघरमेंनहीहैतोबाजारमेंपंसारीयाआयुर्वैदिक दवाईयोकीदुकानपरमिलजाएंगे..

* तुलसीचटपटी, कड़वीअग्निदीपक, हृदयकोहितकारी गरम, दाह, पित्त, वृद्धिकर, मूत्रकृच्छ, कोढ़, रक्तविकार, पसली-पीड़ा तथा कफवातनाशक है।पाश्चात्य मतानुसार श्वेततुलसीउष्ण, पाचकएवंबालकोंकेप्रतिश्याय कफरोगमेंकार्यान्वित होताहै।कालीतुलसीशीत, स्निग्ध, कफएवंज्वरनाशक है।फुसफुसकेअन्दरसेकफनिकालने केलिएकालीमिर्चकेसाथतुलसीकेपत्तोंकाप्रयोगकियाजाताहै।तुलसीरोगाणुनाशक पौधाहै।प्राय: सभीहिन्दूघरोंमेंयहमिलताहैऔरइसकीपूजाहोतीहै।
* केवलक्षयऔरमलेरिया केकीटाणुहीतुलसीकीगंधसेसमाप्तनहींहोजाते, अन्यरोगोंकेकीटाणुभीनष्टहोजातेहैं।कुछवर्षपूर्वमलायामेंमलेरिया कीअधिकताकोदेखकरवहांकीसरकारनेपार्कों मेंवनोंमेंखालीजमीनजहांभीथीवहांतुलसीकेपौधेरोपनेकाएकजोरदारअभियानचलायाथा।उसकेपरिणामस्वरूप महामारी केरूपमेंकुख्यात मलेरिया धीरे-धीरे कम होतेहुएअबबिलकुलसमाप्तहोगयाहै।वहांकेनिवासीतुलसीकेगुणोंसेभली-भांति परिचित होचुकेहैं।आजउनकेघरोंमेंतुलसीकेएक-दो नहीं कई-कई पौधे लहलहाते दिखाईदेतेहैं।
* अनेकहोमियोपैथिक दवाइयां तुलसीकेरससेतैयारकीजातीहैं।मेटेरिया मेडिकामेंतुलसीकेअनेकगुणोंकाउल्लेखकियागयाहै।
* हमारेदैनिकजीवनमेंतुलसीकाबहुतहीव्यापकउपयोगहै।घरमेंहमअन्यफूलदारपौधेगमलोंमेंलगातेहैंक्योंकि हरघरमेंकच्चीजमीननहींहोती।हमेंगमलोंमेंतुलसीकेभीदो-चार पौधे लगानेचाहिए।हालांकि जमीनमेंतुलसीकापौधाजिसतेजीसेपनपताऔरविकसितहोताहैगमलेमेंनहींहोपाता।लेकिनइससेउसकेगुणोंमेंकोईअन्तरनहींआता।
* तुलसीकासेवनकरतेसमयकुछबातोंकाध्यानरखनाबहुतआवश्यकहै।तुलसीकाउपयोगकरनेकेतत्कालबाददूधनहींपीनाचाहिए।उससेकईरोगपैदाहोजातेहैं।अनेकआयुर्वेदिक औषधियों कासेवनदूधकेसाथबतायागयाहैलेकिनतुलसीकासेवनगंगाजल, शहदयाफिरसामान्य पानीकेसाथबतायागयाहै।
आयुर्वेद केमतानुसार, यदिकार्तिक मासमेंप्रातःकाल निराहार तुलसीकेकुछपत्तोंकासेवनकियाजाएतोमनुष्यवर्षभररोगोंसेसुरक्षित रहताहै।
* तुलसीकेसेवनकामनुष्यकेचरित्रपरगहराप्रभावपड़ताहै।तुलसीकेसेवनसेविचारशुद्धऔरपवित्ररहतेहैं।आध्यात्मिक विचारउत्पन्न होतेहैं।वासनाकीओरमनआकृष्टनहींहोपाता।मनमेंतोवासनात्मक विचारउत्पन्न होतेहैंक्रोधआताहै।तुलसीकेनियमितसेवनसेशरीरमेंचुस्ती-फुर्ती पैदा होतीहै।चेहराकान्तिपूर्ण बनजाताहै।
तुलसीरक्तविकारकासबसेबड़ाशत्रुहै।रक्तमेंकिसीभीकारणसेविकारउत्पन्न होगएहों, धोखेयाजानबूझकर खालेनेपरविषरक्तमेंघुलमिलगयाहो, तुलसीकेनियमितप्रयोगसेवहविषरक्तसेनिकलजाताहै।
तुलसीकेपौधेआंखोंकीज्योतिऔरमनकोशान्तिप्रदानकरतेहैं।वातावरण मेंसात्विकता कीसृष्टिकरतेहैं।तुलसीहृदयकोसात्विक बनातीहै।मन, वचनऔरकर्मसेपवित्ररहनेकीप्रेरणा केलिएतुलसीप्रयोगकीजातीहै।
जीवनकीसफलतामनकीएकाग्रता परबहुतकुछनिर्भरकरतीहै।यदिमनएकाग्रहोतोमनुष्यतोभजन, पूजन, आराधनाऔरचिन्तन-मनन कर सकताहैहीअध्ययनकरसकताहै।
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भारतीयचिकित्सा विज्ञान (आयुर्वेद) कासबसेप्राचीन औरमान्यग्रंथचरकसंहितामेंतुलसीकेगुणोंकावर्णनकरतेहुएकहागयाहै-
हिक्काल विषश्वास पार्श्व शूल विनाशिनः।
पितकृतात्कफवातघ्र सुरसःपूर्तिगंधहा।।
अर्थात् तुलसी हिचकी, खांसी, विषविकार, पसलीकेदाहकोमिटानेवालीहोतीहै।इससेपित्तकीवृद्धिऔरदूषितकफतथावायुकाशमनहोताहै।भावप्रकाशमेंतुलसीकोरोगनाशक, हृदयोष्णा, दाहिपितकृत शक्तियों केसम्बन्ध मेंलिखाहै।
तुलसी कटुका तिक्ताहृदयोष्णा दाहिपितकृत।
दीपनाकष्टकृच्छ् स्त्रार्श्व रुककफवातेजित।।
अर्थात् तुलसी कटु, तिक्त, हृदयकेलिएहितकर, त्वचाकेरोगोंमेंलाभदायक, पाचनशक्तिकोबढ़ानेवालीमूत्रकृच्छ केकष्टकोमिटानेवालीहोतीहै।यहकफऔरवातसम्बन्धी विकारों कोठीककरतीहै।
धन्वंतरि निघुंट में कहागयाहै-
तुलसी लघु उष्णाच्य रूक्षकफविनाशिनी।
क्रिमिमदोषं निहंत्यैषा रुचिवृद्वंहिदीपनी।।
तुलसी, हल्की, उष्णरूक्ष, कफदोषोंऔरकृमिदोषोंकोमिटानेवालीअग्निदीपकहोतीहै।
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सामान्यतः तुलसीकेदोहीभेदजानेजातेहैंजिन्हें रामाऔरश्यामाकहतेहैं।रामाकेपत्तोंकारंगहलकाहोताहैजिससेउसकानामगौरीपड़गयाहै।श्यामाअथवाकृष्णातुलसीकेपत्तोंकारंगगहराहोताहैऔरउसमेंकफनाशकगुणअधिकहोताहै।इसलिएऔषधिकेरूपमेंप्रायःकृष्णातुलसीकाहीप्रयोगकियाजाताहै।इसकीगंधरसमेंतीक्ष्णता होतीहै।तुलसीकीअन्यकईप्रजातियाँ होतीहैं।एकप्रजातिवनतुलसीहैजिसेकठेरकभीकहतेहैं।इसकीगंधघरेलूतुलसीकीअपेक्षा कमहोतीहैऔरइसमेंविषकाप्रभावनष्टकरनेकीक्षमताहोतीहै।रक्तदोष, नेत्रविकार, प्रसवकालीन रोगोंकीचिकित्सा मेंयहविशेषउपयोगीहोतीहै।दूसरीजातिकोमरुवककहतेहैं।राजामार्तण्ड ग्रन्थमेंइसकेलाभोंकीजानकारी देतेहुएलिखागयाहैकिहथियारसेकटजानेयारगड़लगकरघावहोजानेपरइसकारसलाभकारी होताहै।किसीविषैलेजीवकेडंकमारदेनेपरभीइसकारसलाभकारी होताहै।तीसरीजातिबर्बरीयाबुबईतुलसीकीहोतीहै, इसकीमंजरीकीगंधअधिकतेजहोतीहै।इसकेबीजअत्यधिक वाजीकरण मानेगएहैं।

* अनेकहकीमीनुस्खों मेंइनकाप्रयोगहोताहै।वीर्यकीवृद्धिकरनेपतलापनदूरकरनेकेलिएबर्बरीजातिकीतुलसीकेबीजोंकाप्रयोगकियाजाताहै।इसकेअलावातुलसीकीएककृमिनाशक जातिभीहोतीहै।

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