Wednesday, July 1, 2015

एक्जीमा, Eczema and Your Skin | Eczema Types, Symptoms, Causes

1.-- गोमूत्र से प्रतिदिन भिगोते रहो, उससे यह रोग दूर हो जाएगा|
दो - तीन मॉस तक करते रहने से जड़ से साफ हो जाता है |
साबुन नहीं लगाये जहाँ एक्जीमा हो

2--. माजूफल 5 नग, सुपारी 5 नग, करंज के दाने 5 नग, कुचले के दाने 5 नग और सौरही कौड़ी 5 नग, रस कूपर 20 ग्राम, सफेद खैर, मुर्दा शंख, छोटी इलायची के दाने तीनों 5-5 ग्राम। चमेली का तेल आवश्यक मात्रा में। (करंज को घियाकरंज डहरकरंज, घाणेराकरंज, कांटा करंज आदि नामों से पुकारा जाता है। इसका तेल निकाला जाता है।) सौरही कौड़ी वही है, जिससे बच्चे खेला करते हैं। ये सभी द्रव्य कच्ची जड़ी-बूटी बेचने वाली दुकान पर मिलते हैं।
निर्माण विधि : इन सभी पदार्थों को मिट्टी के एक कुल्हड़ में रखकर कुल्हड़ का मुँह मिट्टी से बने ढक्कन से ढंक कर, आटा गूँधकर, यह आटा ढक्कन के चारों तरफ लगाकर दरार बन्द कर दें और आग में रख दें। जब कुल्हड़ खूब लाल हो जाए तब सावधानी से निकाल लें और बिल्कुल ठंडा करके ढक्कन हटा दें।
इसमें रखे द्रव्य भस्म हो चुके होंगे सो यह भस्म सम्भाल कर निकाल लें और पीसकर महीन पावडर कर लें। अब रस कपूर आदि चारों द्रव्यों को पीसकर महीन पावडर करके भस्म में मिला लें और चूर्ण को कपड़े से छानकर इसमें चमेली का तेल इतनी मात्रा में मिलाएँ कि गाढ़ा मल्हम बन जाए। एक बात का खयाल रखें कि बालों में लगाने वाला चमेली हेयर ऑइल नहीं लेना है, बल्कि इत्र आदि बेचने वाले की दुकान से शुद्ध चमेली का तेल लेना है। 
इस मल्हम को सुबह-शाम एक्जीमा पर लगाएँ 4-5 दिन में लाभ होने लगेगा और लगभग एक डेढ़ मास में एक्जीमा जड़ से चला जाएगा।


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