Friday, January 30, 2015

गर्दन के दर्द में राहत पाने के ६ आसन (FOR NECK PAIN)

     गर्दन(Neckpain) में दर्द रहने का सबसे बड़ा कारन है लंबे समय तक एक ही आसन में बैठकर काम करना और रात को गलत तरीके सोना और कसरत का अभाव देखा जाता है।
     गर्दन में दर्द को दूर करने के लिए हम आपके लिए लायें है दैनिक व्यस्त कार्यक्रम में सात आसान योग मुद्राओ। जैसे की बालासन(Balasan), नटराजासन (Natrajasan),मजरासना (cowpose-catpose),सर्वंगासन(Sarvangasan) , त्रिकोणासन(Trikonasana), सवासना(Savasana) । 




नटराजासन (Natrajasan)

विधिः 
१.     पूर्ववत खड़े होकर दायें पैर को पीछे की और मोड़िए। दायां हाथ कन्धे के ऊपर से लेकर दाएं पैर का अंगूठा पकड़िए। 
२.     दायां हाथ सामने सीधा ऊपर की और उठा हुवा होगा। इस पैर से करने के पश्वात दूसरे पैर से इसी प्रकार करे। 




लाभ:
       गर्दन को लचीला बनाता  है और हाथ एवं पैर के स्नायु को विकास करता है। स्नायुमण्डल को सुद्धढ बनाता है। 



त्रिकोणासन(TRIKONASANA)

१.     दोनों पैरो के बीच में लगभग डेढ़ फुट का अन्तर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ। दोनों हाथ कंधो के समानान्तर पाश्व भाग मे खुले हुए हों। 
२.     श्वास अन्दर भरते हुए बाएं हाथ को सामने से लेते हुए बाएं पंजे के पास भूमि पर टिका दें अथवा पंजे को एड़ी का पास लगायें तथा दाएं हाथ को ऊपर की तरफ उठाकर गर्दन को दाए ओर घुमाते हुए दाए हाथ को देखें ,फिर श्वास छोड़ते हुए पूर्व स्थिति में आकर इस तरह अभ्यास को बार बार करें। 


लाभ:    कटी प्रदेश लचीला बनता है। पाश्वा भाग की चर्बी को कम करता है। छाती का विकास होता है। 

मार्जरासन (Marjrasana)
(cowpose-catpose)

विधिः 
१.      दोनों हाथों की हथेलियों एवं घुटनों को भूमि पर टिकाते हुए स्थिति लीजिये। 




      




२.      अब श्वास अन्दर भरकर छाती और सिर को ऊपर उठाये ,कमर निचे की ओर झुकी हुई हो। थोड़ी देर इस स्थिति में रहकर श्वास बाहर छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाये तथा सर को निचे झुकायें। 



 लाभ:
       गर्दन के दर्द में राहत मिलती है और कटी पीड़ा ओर गैस ,कब्ज एवं फेफड़ो को मजबूत करता है और गर्भाशय को बाहर निकलने जैसो रोगो को दूर करता है। 


सर्वांगासन(Sarvanga asan)
विधि :
१.  पीठ के बल सीधा लेट जाये।  पैर जोड़ के रखे,हाथो को दोनों और बगल में सटाकर हथेलियाँ जमीं की ओर करके रखे. 

२. स्वास अंदर भरकर पैरो को धीरे धीरे ३० डिग्री , फिर ६० डिग्री  और अंत में ९० डिग्री  तक उठाए।पैरो को उठाते समय हाथो का सहारा ले। यदि  पैर सीधा न हो तो हाथो को उठाकर  कमर के पीछे रखे। पैरो को सीधा मिलाकर रखे और कोहनियाँ भूमि पर टिकी हुए रखे। आँखे बंद एवं पंजे ऊपर तने हुए रखे। धीरे -धीरे ये आसान २ मिनिट से शरू करके आधे घंटे तक करने कोशिश करे। 


३. वापस आते समय जिस क्रम से उठे थे उसी क्रम से धीरे धीरे वापस आये। जितने समय तक सर्वांगासन किया जाये उतने ही समय शवाशन में विश्राम करे।  


लाभ :

१.  गर्दन के स्नायुओ को लचीला बनता है और मोटापा ,दुर्बलता,कदवृद्धि में लाभ मिलते है ,एवं थकान आदि विकार दूर होते है। 
२. इस आसन से थाइरोड को सक्रीय एवं पिच्युरेटी ग्लैड के क्रियाशील होने    से यह कद वृद्धि में उपयोगी है। 


बालसन-विश्रामासन(Balasana)

विधिः 
१.      पेट के बल लेटकर बाएँ हाथ को सिर के निचे भूमि पर रखें तथा गर्दन को दाई और घुमाते हुए सर को हाथों पर रखें दें,बायाँ हाथ सिर कर निचे होगा तथा बाएं हाथ की हथेली दाएँ हाथ की निचे रहेंगी। 

२.      दायें पैर को घुटने से थोड़ा मोडकर जैसे बालक लेटता है , वेसे लेटकर विश्राम करें। इसी प्रकार यह आसन दूसरी और से किया जाता है। 


लाभ:
        पुरे शरीर एवं मन की थकान को दूर करता है और गर्दन को आराम मिलता है। 


शवासन 

 विधिः 
          पीठ के बल सीधे भूमि पर लेट जाइए।  दोनों पैरो में लगभग एक फूट का अन्तर हो तह दोनों हाथो को भी जंघाओं से थोड़ी दूर पर रखते हुए हाथों को ऊपर की और खोलकर रखें। आँखे बंद,गर्दन सीधी,पूरा शरीर तनाव रहित अवस्था में हो। धीरे-धीरे चार-पांच श्वास लम्बे भरें व् छोड़े। अब हमें इस समय शरीर को पूर्ण विश्राम देना है। 
                                                                                                                    



लाभ:
        सभी आसन के बाद किया जानेवाला ये आसान है। ये आसान शरीर,मन और स्नायुओं को पूर्ण विराम देता है। 






     

Saturday, January 24, 2015

उर्ध्वा हस्तासना(Urdhwa hasthasana)




विधिः 
१.     सीधे खड़े होकर दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में डालते हुए सर पर रखिये। पैरो को मिलकर रखें। 

२.     श्वास अन्दर भरते हुए हाथों को ऊपर की और तानिए तथा एड़ियों को भी साथ - साथ ऊपर उठावें। श्वास छोड़ते हुए निचे आ जावे। हाथ सर पर ही रहेंगे इस प्रकार ५-६ चक्र करें। 

Yoga for Heart(हार्ट के लिए योग)

             
     
          योगा एक स्वस्थ दिल को बनाए रखने में  प्रमुख भूमिका प्रदान करते है। एक स्वस्थ आहार के साथ योग दिल की दीर्घायु सुनिश्चित करता है। योग में कई आसन है जो दिल के कामकाज को बहेतर बनाने में उपयोगी है। 
       प्राणायाम और श्वास व्यायाम Maditaiton  के साथ किया जा सकता है। मन और शरीर को शांत रखन में इन दोनों तकनीक बहुत उपयोगी है। इसके आलावा तनाव को मुकत रखके दिल की समुचित कार्य को बनाये रखने में सहायक देखा जाता है।  
       दिल के समुचित कार्य को बनाये रखने में मदद कर सकते है जो कई मुद्राए रहे है।  उनमे से कुछ Paschimottamasana,Dhnurasana,Urdhwahasthasana,Baddha konasan आदि शामिल है। यह पेट की दीवारो को मजबूत और शरीर में हर्निया को रक्षा करता है। 


                       
                       उर्ध्वा हस्तासना(Urdhwa hasthasana)

विधिः 
१.     सीधे खड़े होकर दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में डालते हुए सर पर रखिये। पैरो को मिलकर रखें। 

२.     श्वास अन्दर भरते हुए हाथों को ऊपर की और तानिए तथा एड़ियों को भी साथ - साथ ऊपर उठावें। श्वास छोड़ते हुए निचे आ जावे। हाथ सर पर ही रहेंगे इस प्रकार ५-६ चक्र करें। 





पश्चिमोत्तनासन(PASCHIMOTANASNA)

विधिः 
१.     दण्डासन में बैठकर दोनों हाथों के अंगुष्ठो व् तर्जनी की सहायता से पैरो के अंगूठो को पकड़िये। 

२.     श्वास बहार निकालकर सामने झुकते हुए सिर को घुटनों के बीच लगाने का प्रयत्न कीजिये। पेट को उड़ियान बन्ध की स्थिति मे रख सकते है। घुटने-पैर सीधे भूमि पर लगे हुए तथा कोहनियाँ भी भूमि अपर टिकी हुई हों। इस स्थिति में शक्ति अनुसार आधे से तीन मिनिट तक रहें। फिर श्वास छोड़ते हुए वापस सामान्य स्थिति मे आ जाएँ।


 
                                                                                              
  
                           लाभ: 

     पेट की पेशियों में संकुचन होता है। जठारग्नि को प्रदीप्त करता है व् वीर्य सम्बन्धी विकारो को नष्ट करता है। कदवृद्धि के लिए महत्वपूर्ण अभ्यास है। 



बद्धक़ोणासना(Baddha konasana)

विधिः 
        दायें पैर को मोड़कर बाये जंघे पर रखें। बांयें हाथ से दाएँ पंजे को पकड़ें तथा दाएँ हाथ को दाहिने घुटने पर रखें।  अब दाहिने हाथ को दाएँ घुटने के निचे लगाते हुए घुटने को ऊपर उठाकर छाती से लगाएँ तथा घुटने को दबाते हुए जमीं पर टिका दें। इसी प्रकार इस अभ्यास को विपरीत बायें पैर को मोड़कर दायें जंघे पर रखकर पूर्ववत करें। अंत में दोनों हाथों से पंजो को पकड़कर घुटनो को भी स्पर्श करायें ऊपर उठायें। इस प्रकार कई बार इसकी आवृति करें (बटर फ्लाई ) । 





लाभ:

१.     गुर्दे( Kidney) एवं नितम्ब जोड़ को स्वस्थ करने के लिए यह अभ्यास उत्तम है तथा वहां बढ़ी हुई चर्बी को कम  करने के लिए उत्तम है। 
२.     मासिक धर्म की असुविधा में मदद करता है और पाचन शिकायतों और अंडाशय, प्रोस्टेट ग्रंथि, गुर्दे और मूत्राशय के स्वास्थ्य में सुधार में मददगार है। पेट के अंगों को उत्तेजित करता है। योग ग्रंथों के अनुसार, थकान दूर करके, पीठ के निचले हिस्से को खोलने में मदद करता है और कटिस्नायुशूल में राहत मिलती है। 




धनुरासन (Dhanurasan)

विधिः 

१.     पेट के बल लेट जाइए। घुटनों से पैरों को मोड़ कर एड़ियां नितम्ब के ऊपर रखें। घुटने एवं पंजे आपस में मिले हुए हों। 

२.     दोनों हाथों से पैरों के पास से पकड़िये। 

३.     श्वास को अन्दर भरकर  घुटनों एवं जंघावो को एक के बाद एक उठाते हुये ऊपर की ऑर तने , हाथ सीधे रहें। पिछले हिस्से को उठाने  के बाद पेट के ऊपरी भाग छाती,ग्रीवा एवं सर को भी ऊपर उठाइए। नाभि एवं पेट के आसपास का भाग भूमि पर ही टिके रहे। शेष भाग ऊपर उठा होना चाहिए। शरीर की आकृति धनुष के समान हो जाएगी। इस स्थिति में १० से २५ सेकंड तक रहें। 

४.     श्वास छोड़ते हुए क्रमशः पूर्व स्थिति में आ जाइए। श्वास-पश्वास के सामान्य होने पर ३ - ४  बार करे।   


लाभ: 

      नाभि का टलना दूर होता है। स्त्रियों की मासिक धर्म(menstrual) सम्बन्धी रोग में लाभ मिलता है।कमरदर्द,सर्वाइकल(Cervical), स्पोंडोलाइटिस,स्लिपडिस्क(SLEEPDISC) समस्त मेरुदण्ड(Spine) के रोगो में ये आसन लाभकारी है। 



Sunday, January 18, 2015

Exercise Workout For Abs....

Exercise Workout For Abs

Without equipment workouts collection with visual easy to follow guides for all fitness level..Six exercise a day.
10 REPS EACH


















     
      ये सभी EXERCISE आप अपने घर पे ही  कर सकते हो। ये सभी EXERCISE पेट के एब्स के लिए है। ये सभी EXERCISE बारी-बारी  १० बार की जिए बाद में इसे आप बढाकर पूरा SET LEVEL 1 में १ एक्सरसाइज ३० बार  फिर LEVEL 2 में १ एक्सरसाइज ५० बार फिर LEVEL ३ में  १ एक्सरसाइज ८० बार की जिये। दरेक  लेवल पे १ मिनिट का REST ले। अगर आप का वेट ज्यादा है तो कम (WEIGHT LOSS) कम होगा। 





Saturday, January 17, 2015

हेल्थ बेनिफिट ऑफ केला(Health Benefit fo Banana)



     यह दिलचस्प है की केले में तीन प्राकृतिक Sugars-सुक्रोज(sucrose), फ्रक्टोज (Fructose) और फाइबर(Fiber)प्रदान करता है। एक केला तुरंत और निरंतर ऊर्जा देनेवाला एक श्रेष्ठ फल है। सिर्फ दो केले ज़ोरदार 90 मिनट की कसरत के लिए पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करता है। विश्व के प्रमुख खिलाड़ियों इसका सेवन करते है।
        केला सिर्फ ऊर्जा ओर फिट रखने के लिए ही मददरूप नहीं है। कए बीमारियो को काबू पाने के लिए हमारे दैनिक आहार में जोड़ना चाहिए।

DEPRESSION:

      Depression से पीड़ित लोगों के बीच किए गए हाल के एक सर्वेक्षण के अनुसार,एक केला खाने के बाद काफी बेहतर महसूस करते है।

 केले में  tryptophan नाम का एक प्रोटीन मौजूद होता है   जो हमारे  शरीर में जाकर सेरोटोनिन में रूपांतरित हो जाता है ,जिस से अपने मन को शांत, खुश,और आराम प्रदान करता है।

पीएमएस:
   गोलियों भूल जाओ - एक केला में   विटामिन बी -6 की  वजह से वे आपके मूड को बनाये रखता है , जो रक्त शर्करा(Glucose)का स्तर, नियंत्रित करता है।

एनीमिया:
    केले में लोह (Iron) की मात्र ज्यादा होती है। जो रक्त में हीमोग्लोबिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है और रक्ताल्पता के मामलों में मदद करता है। 

मस्तिष्क की शक्ति(Brain Power):


  छात्रों में मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए केले को नाश्ता,ब्रेक में और दोपहर के भोजन में शामिल करे। 

NERVES:

     केले में विटामिन B की मात्रा जयदा होने के वजह से तंत्रिका (Nerves) तंत्र को शांत करने में मदद करता है। 

   तो, एक केला वास्तव में कई बीमारियों के लिए एक प्राकृतिक उपचार है।आप एक सेब (Apple) के साथ तुलना में सबसे ज्यादा प्रोटीन प्रदान करता है और चार गुना प्रोटीन,दो गुना कार्बोहाइड्रेट, तीन गुना फास्फोरस,पांच गुना विटामिन A और आयरन, और दो गुना अन्य विटामिन और खनिज मिलता है। तो 'एक केला एक दिन, डॉक्टर को दूर रखता है!'


Friday, January 16, 2015

Exercise Workout one

Exercise Workout One

Without equipment workouts collection with visual easy to follow guides for all fitness level..10 exercise a day.
















       यह सभी EXERCISE के लिए जिम जाने के जरुरत नहीं है। ये सभी EXERCISE आप अपने घर पे ही  कर सकते हो। ये सभी EXERCISE १ मिनट -१ मिनिट से यथा शक्ति आप ३ मिनिट तक करे , दरेक  लेवल पे १ मिनिट का REST लेना जरुरी है। 

Video link: