Monday, July 27, 2015

घरेलू उपचार से अर्थराइटिस का इलाज




आर्थराइटिस


* दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritis और Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे जिसका नाम है चूना ...! जी हाँ वो ही चुना जो आप पान मे खाते हो | ये आसानी से आपको पान की सभी दुकानों में मिल जाता है आप इसे गेहूं के दाने के बराबर चूना रोज सुबह खाली पेट एक कप दही मे मिलाके खाना चाहिए अगर बराबर दही न मिल सके तो दाल मे मिलाके ले ले अगर वो भी नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक, तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर आपके हाथ या पैर के हड्डी मे खट खट आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा |

* दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अच्छी दावा है मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच की गिलास मे गरम पानी ले के उसमे डालना, फिर उसको रात भर भिगो के रखना | सबेरे उठके पानी सिप- सिप करके पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तीन महीने तक लेने से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | यहाँ भी ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |
* ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़ जुके है, चालीस साल से तकलीफ है या तीस साल से तकलीफ है, कोई कहेगा बीस साल से तकलीफ है, और ऐसी हालत हो सकती है के वे दो कदम भी न चल सके, हाथ भी नही हिला सकते है, लेटे रहते है बेड पे, करवट भी नही बदल सकते ऐसी अवस्था हो गयी है ....?
* ऐसे रोगियों के लिए एक बहुत अच्छी औषधि है जो इसीके लिए काम आती है | एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हरसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुसबू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है ।
* आप इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के पत्थर में पीस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पिलाना है जिसको भी बीस तीस या चालीस साल पुराना आर्थराइटिस हो या जोड़ो का दर्द हो | यह उन सबके लिए अमृत की तरह काम करेगा | इसको तीन महिना लगातार देना है अगर पूरी तरह ठीक नही हुआ ...तो फिर 10-15 दिन का गैप देके फिर से तीन महीने देना है |

* अधिकतम केस मे जादा से जादा एक से ढेड महीने मे रोगी ठीक हो जाते है | आपको इसको हर रोज नया बना के पीना है | ये औषधि एक्सुसिव है और बहुत स्ट्रोंग औषधि है इसलिए अकेली ही देना चाहिये, इसके साथ कोई भी दूसरी दावा न दे नही तो तकलीफ होगी | इसमें भी ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए ....नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर पारिजात के पत्ते मिलने में परेशानी हो तो आप इसे नर्सरी से लाये और घर पे लगा ले आप का भला हो तो ये दूसरों के भी काम आएगा क्युकि ये परिजात के पेड को स्वर्ग की एक अनुपम धरोहर थी जो अब लुप्त हो रही है

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