Tuesday, June 30, 2015

क्यों टहलना है स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

Why jogging is beneficial to health


पैदल चलकर आप अपने दिल को रख सकते हैं दुरुस्‍त।
 मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद है पैदल चलना।
● चाहे कोई भी मौसम हो, टहलने से अच्छा कोई व्यायाम नहीं । कई अध्‍ययन इस बात को प्रमाणित भी करते हैं कि पैदल चलना तन और मन दोनों की सेहत के लिए लाभप्रद है।
● पैदल चलना एक कमाल का व्‍यायाम है। यह न केवल आपके वजन को नियंत्रित रखता है, बल्कि डायबिटीज और स्‍तन कैंसर जैसे भयावह रोगों से भी आपकी रक्षा करता है।इसके अलावा भी पैदल चलने के कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ हैं। आइए जानते हैं -
》पैदल चलने के अन्‍य स्‍वास्‍थ्‍य लाभ-
1) फैट घटाये :-
पैदल चलने का हर कदम आपको सेहत की ओर लेकर जाता है। यह अतिरिक्‍त वसा से मुक्ति दिलाने में काफी मदद करता है। अगर आप संतुलित आहार के साथ रोजाना 30 से 45 मिनट तक पैदल चलें, तो धीरे-धीरे आपको अपने वजन में कमी महसूस होने लगेगी।
2) स्‍टेमिना बढ़ाए :-
रोजाना तेज गति से पैदल चलना आपकी मांसपेशियों को ताकत देता है। इससे हमारी टांगों की मांसपेशियों को विशेष रूप से लाभ होता है। इतना नहीं, नियमित रूप से पैदल चलना आपकी कार्यक्षमता यानी स्‍टेमिना में भी इजाफा करता है।
3) दिल को बनाये मजबूत :-
पैदल चलना हमारे दिल की सेहत के लिए लाभप्रद होता है। पैदल चलने से उच्‍च रक्‍तचाप की समस्‍या से राहत मिलती है। इससे रक्‍तचाप सामान्‍य रहता है और शरीर में रक्‍त-प्रवाह सुचारू रूप से होता है। इसके साथ ही यह कार्डियोवस्‍कुलर प्रणाली को भी बेहतर ढंग से काम करने में मदद करता है।
4) डायबिटीज से बचाए :-
अगर आप डायबिटीज से बचे रहना चाहते हैं, तो पैदल चलने को अपनी आदत बना लीजिए। कई शोध इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि सप्‍ताह में करीब तीन घंटे पैदल चलना डायबिटीज के खतरे को काफी कम कर देता है
5) कैंसर के खतरे को दूर करे :-
पैदल चलना कई मायनों में दौड़ के मुकाबले अधिक सुरक्षित व्‍यायाम माना जाता है। फिटनेस विशेषज्ञ भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि घुटनों और जोड़ों के लिए दौड़ने के मुकाबले अधिक फायदेमंद है। इससे चोट लगने की आशंका कम होती है और साथ ही यह व्‍यायाम की शुरुआत करने वालों के लिए काफी फायदेमंद होता है।
6) हड्डियों को मजबूत बनाये :-
अगर आप अपनी हड्डियों को मजबूत बनाना चाहते हैं, तो आपको रोजाना करीब 30 मिनट पैदल चलना चाहिए। इससे आपकी बोन डेंसिटी बढ़ जाती है और पैरों की हड्डियों को होने वाला नुकसान कम हो जाता है। यह व्‍यायाम आपके रीढ़ की हड्डी, टांगों और कूल्‍हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने का काम करता है।
7) मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ बनाये :-
पैदल चलना केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी फायदेमंद होता है। पैदल चलना तनाव को दूर करने में भी उपयोगी साबित होता है। अगर आप घर से बाहर टहलते हैं, तो ताजी हवा और व्‍यायाम का बेजोड़ मेल आपके मनोबल और मनोदशा में सुधार करता है।
कहते हैं भोजन के बाद एक मील पैदल चलन चाहिए। आयुर्वेद भी भोजन के बाद शतपदी यानी सौ कदम पैदल चलने की बात करता है। सिर्फ भोजन के बाद ही नहीं, बल्कि यूं भी पैदल चलना आपको स्‍वस्‍थ बनाये रखने में मदद करता है।

Gurpreet Singh's photo.

करेले के फायदे ::

Bitter gourd advantages

करेले को कच्चा / उबाल कर / सुखा कर पावडर के रूप में काम लिया जा सकता है |
लिवर से जुड़े रोगों में
करेला लिवर की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। यह लिवर साफ करता है और इसकी कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। इससे लिवर लंबे समय तक ठीक तरह से काम करता है ।
डायबिटीज
टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। यह रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित रखता है और इन्सुलिन बनाए रखने में मदद करता है।
वजन घटाने में मददगार
करेला पाचन के लिए काफी अच्छा है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स मेटाबॉलिक रेट बढ़ाते हैं जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। इसके अलावा, इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। वजन घटाने के लिए जरूर खाए ।
किडनी का स्टोन
किडनी के स्टोन के मरीजों के लिए करेला बहुत फायदेमंद है। आयुर्वेद में भी माना जाता है कि इसके सेवन से पथरी टूट कर मूत्र के रास्ते से निकल सकती है। यानी किडनी में पथरी की समस्या है तो डाइट में करेला शामिल कर ही लें।
मुहांसों से छुटकारा
करेले में एंटी इन्फ्लामेट्री गुण हैं जो त्वचा से टॉक्सिन दूर करते हैं जिससे चेहरे पर कील-मुहांसे की समस्या नहीं होती है।
श्वास संबंधी समस्याएं
नियमित रूप से करेले के सेवन से दमा और ब्रोंकाइटिस जैसे श्वास संबंधी गंभीर रोगों में भी आराम मिल सकता है।
कैंसर से बचाव
कई शोधों में साबित हो चुका है कि करेला कैंसर से लड़ने में काफी मददगार है। यह कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में शरीर की मदद तो करता है ही, साथ ही शरीर की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ाता है।


Om Prakash's photo.

स्‍ट्रेच मार्क्‍स (त्वचा का खिचाव) केसे दूर करे .....!

Stretch Marks (pulling of the skin) to remove Casey
* स्‍ट्रेच मार्क्‍स शरीर पर पडी़ वह सफेद क्षीण रेखाएं होती हैं जो कि प्रेगनेंसी के समय या फिर अचानक मोटे हो जाने पर पड़ जाती हैं। कई लड़के जो जिम में जाकर बॉडी बिल्डिंग के लिए एक्सरसाइज करते हैं, उन्‍हें भी यह परेशानी कंधे, पीठ या जांघों में हो जाती है।
* कई केसों में तो स्‍ट्रेच मार्क्‍स अपने आप ही गायब हो जाते हैं लेकिन ज्‍यादातर केसों में यह नहीं जाते। हो सकता है कि जब भी आप साडी़ पहनती होंगी तो यह स्‍ट्रेच मार्क्‍स बिल्‍कुल साफ दिखाई पड़ते होंगे, तो ऐसे में आप साडी़ पहनना तो नहीं छोड़ सकती।
* हमारी त्‍वचा दो सतहों में बनी होती हैं, जब कोई महिला गर्भवती होती है या कोई इंसान अचानक मोटा होता है तो हमारी त्‍वचा में भी खिंचाव आने लगता है। ऐसे में त्‍वचा की बाहरी सतह तो खिंच जाती है, लेकिन आंतरिक त्‍वचा इस खिंचाव को लंबे समय तक सह नहीं पाती और इसके अंदर का टिशू टूटता चला जाता है, जिससे त्‍वचा में स्‍ट्रेच मार्क* शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स तब पड़ते हैं, जब स्किन ओवर स्ट्रेच हो जाती है। मार्केट में मिलने वाली बहुत सी क्रीम इन स्ट्रेच मार्क्स से निजात दिलाने का दावा करती हैं। लेकिन, ये ठीक से नहीं कहा जा सकता कि ये क्रीम स्ट्रेच मार्क्स से निजात दिलाएंगी ही दिलाएंगी। इसके अलावा, इन क्रीम्स में केमिकल होता है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। ऐसा नहीं है कि इन स्ट्रेच मार्क्स से निजात पाने का कोई उपाय नहीं है। घरेलू नुस्खों को आजमाकर आप आसानी से इन स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पा सकते हैं।
* हम आपको ऐसी ही कुछ बेहतरीन घरेलू नुस्खे बता रहे हैं, जो स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने में आपकी मदद करेंगे। इन घरेलू नुस्खों से स्ट्रेच मार्क्स हल्के पड़ने लगते हैं और फिर धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं।
* एलो वेरा जैल स्ट्रेच मार्क्स में बेहद फायदेमंद होता है। इससे स्ट्रेच मार्क्स धीरे-धीरे हल्के पड़ते हैं और फिर स्किन से बिल्कुल गायब हो जाते हैं। एला वेरा जैल बनाने के लिए आपको एक कप ऑलिव ऑइल, 10 विटामिन ई कैप्सूल और 5 विटामिन एक कैप्सूल की आवश्यकता होती है। इन सबको लेकर एक साथ मिक्स करें और पेस्ट बनाएं। इस पेस्ट को स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं। पेस्ट को स्किन पर तब तक रहने दें जब तक स्ट्रेच मार्क्स पेस्ट को सोख न ले। ताजा एलो वेरा का गूदा मसाज करने से त्‍वचा टोन होती है और इसमें शामिल एंजाइम खराब हो चुकी त्‍वचा को हटा कर दूसरी त्‍वचा को हाइड्रेट करता है।
* लैवन्‍डर तेल को अगर दिन में तीन बार स्‍ट्रेच मार्क्‍स पर लगाया जाए तो धीरे-धीरे निशान गायब होने लगता है और उसकी जगह पर नई त्‍वचा आने लगती है।
* खीरे का रस भी स्ट्रेच मार्क्स में बेहद फायदेमंद होता है। स्ट्रेच मार्क्स से जल्दी निजात पाने के लिए खीरे के रस में नींबू की कुछ बूंदे मिलाए और पेस्ट बनाएं। इसे स्किन पर जहां स्ट्रेच मार्क्स है रगड़े। इसके बाद हल्के गुनगुने पानी से धो लें।
* अंडे का सफेद भाग स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं और सूखने के बाद धो लें। इससे स्ट्रेच मार्क्स हल्के पड़ते हैं। अंडे के सफेद भाग में अमीनो एसिड और प्रोटीन होता है। इससे स्ट्रेच मार्क्स जल्दी ठीक होते हैं।
* स्‍ट्रेच मार्क्‍स की डेड और डैमेज स्‍किन को एप्रीकॉट स्‍क्रब से दूर किया जा सकता है।
* स्ट्रेच मार्क्स से जल्दी छुटकारा पाने के लिए आप विटामिन ई ऑइल का यूज भी कर सकते हैं। विटामिन ई की गोलियों को पीसकर मॉश्चराइजर के साथ स्किन पर लगा सकते हैं। इसके अलावा, आप विटामिन ई की गोलियों को खा भी सकते हैं।
* चीनी में कुछ बूंद बादाम का तेल और नींबू का रस मिलाकर स्किन पर लगाने से स्ट्रेच मार्क्स दूर होते हैं। आप नहाने के कुछ देर बाद बादाम-चीनी और नींबू का पेस्ट बनाकर स्किन पर लगाएं। इससे स्ट्रेच मार्क्स हल्के पड़ना शुरू हो जाएंगे। इस पेस्ट को कम से कम एक महीने तक अपनी स्किन पर लगाएं।
* अपने आहार में विटामिन सी और ई वाले फल और सब्‍जियां शामिल करें। यह आहार नई टिशू की ग्रोथ में मदद करके खराब हो चुकी टिशू की मरम्‍मत करते हैं। जिंक वाले आहार जैसे, नट्स और बीज और ज्‍यादा स्‍ट्रेच मार्क्‍स पैदा होने से रोकते हैं। विटामिन के रिच फूड जैसे, डेयरी प्रोडक्‍ट, लीवर, हरी सब्‍जियां और टमाटर स्‍ट्रेच मार्क्‍स को ठीक करते हैं।
* कई तरह के तेलों को विटामिन के साथ मिला कर प्रयोग करने से स्‍ट्रेच मार्क्‍स दूर हो जाते हैं। जैसे विटामिन ए और ई की कैप्‍सूल के साथ लेवेन्‍डर, एवाकाडो या कैमोमाइल के तेल को मिक्‍स कर के लगाया जाए।
* बादाम तेल के साथ एक चम्मच शक्कर मिलाएं और उसमें कुछ बूंद नींबू के रस की डाल अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण को स्ट्रेच मार्क्स वाले हिस्सों पर लगाएं। नहाने से दस मिनट पहले रोजाना इसे लगाएं और हल्का सा रगड़ें। एक महीने लगातार ऐसा करने से स्ट्रेच मार्क्स हल्के हो जाते हैं।
* स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए अरंडी का तेल भी बेहद कारगर माना जाता है। इसके लिए प्रभावित हिस्से पर अरंडी का तेल लगाएं, फिर उस हिस्से को प्लास्टिक बैग से लपेट लें। अब हॉट वॉटर बॉटल से करीब आधा घंटे सिकाई करें और हल्का रगड़ें। धीरे-धीरे स्ट्रेच मार्क्स दूर हो जाएंगे।


Gurpreet Singh's photo.

कैसे करें चेहरे की देखभाल (Health Tips For Face)

How Facial Care (Health Tips For Face)


चेहरे की खूबसूरती के लिए ब्यूटी प्रोडक्ट्स तो आपने बहुत इस्तेमाल कर लिए, अब समय है कि हेल्थ टिप्स अपना कर आप अपने चेहरे में चमक लाएं। थोड़े से खान-पान पर ध्यान रखकर आप अपने चेहरे को चमकदार और आकर्षक बना सकते हैं।
प्राकृतिक तौर पर सुंदरता पाने के लिए सबसे पहले जरूरत है अपनी दिनचर्या को सुधारने की और अपने खान-पान पर खास ध्यान देने की। चेहरे की चमक के लिए सबसे जरूरी है कि आपकी पाचन क्रिया सही रहे। इसके लिए खाने के साथ साथ जरूरी है कि आप दिन में खूब पानी पिएं। पानी पीने से आपके शरीर की सारी गंदगी निकल जाएगी। अपने खान-पान में हरी सब्जियों और फल का सेवन बढ़ाएं। आइए जानते हैं कि क्या हैं चेहरे की समस्याएं, कारण और उनके समाधान-
समस्याटैनिंग (Tanning)- धूप में रहने के कारण शरीर की त्वचा काली पड़ जाती है। धूप में हाथों और शरीर के अन्य भाग को तो हम ढक लेते हैं लेकिन चेहरा सबसे ज्यादा धूप के संपर्क में आता है। इस प्रकार चेहरे का रंग शरीर के अन्य हिस्सों के रंग से मेल नहीं खाता।
झुर्रियां (Wrinkles)- उम्र बढ़ने के साथ सबसे बड़ी शिकायत चेहरे पर झुर्रियों की होती है। अक्सर लड़कियां अपनी उम्र छुपाने की चाह रखती हैं और ऐसे में उनकी झुर्रियां उनकी उम्र का राज़ खोल सकती हैं।
दाग-धब्बे (Dark Spots)- चेहरे पर दानों के निशान अक्सर रह ही जाते हैं जो सारी उम्र परेशान करते हैं और शर्मिंदगी का सबब बनते हैं। व्यक्ति के गाल और माथे पर ही सबसे ज्यादा दाने आते हैं जिनके धब्बे मुश्किल से ही जा पाते हैं।
त्वचा के प्रकार (Types of Skin)- कई लोगों की त्वचा तैलीय होती है तो कई लोगों की त्वचा रूखी होती है। रूखी त्वचा को तो इंसान क्रीम, लोशन लगाकर वक्ती तौर पर सही कर सकता है लेकिन तैलीय त्वचा सबसे ज्यादा परेशान करती है।
कारणपानी की कमी (Dehydration)- शरीर में पानी की कमी से त्वचा सूखने लगती है। होठों की पपड़ी फटने लगती है और चेहरे की चमक फीकी पड़ जाती है। पानी केवल प्यास बुझाने के ही काम नहीं आता बल्कि यह प्राकृतिक सुंदरता का एक राज़ भी है।
धूम्रपान (Smoking)- कुछ लोग अपने तनाव को दूर करने के लिए धूम्रपान करते हैं तो कुछ शौक के लिए। धूम्रपान के कई नुकसान होते हैं, धूम्रपान के कारण शरीर की त्वचा को भी नुकसान पहुंचता है। इससे त्वचा रूखी होती है और उसमें दरारें पड़ने लगती हैं।
धूप से नुकसान (Sun Damage)- धूप सेंकने से शरीर को विटामिन डी जरूर मिलता है लेकिन इसी के साथ सूरज की यूवी किरणें शरीर पर पड़ती हैं जिससे शरीर की त्वचा काली पड़ने के साथ साथ रूखी भी हो जाती है।
खाने की बुरी आदतें (Bad Eating Habits)- शरीर की त्वचा को भी स्वस्थ रहने के लिए पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। जंक फूड, फास्ट फूड, औइली फूड से शरीर की त्वचा को कई नुकसान पहुंचते हैं जैसे कि शरीर की त्वचा भी तैलीय हो जाती है या इस पर दाने निकलने लगते हैं।
व्यायाम की कमी (Lack of Exercise)- ज्यादातर लोगों में व्यायाम करने की आदत नहीं होती है। व्यायाम करने से ना ही केवल शरीर चुस्त रहता है बल्कि इसके कई फायदे शरीर की त्वचा को भी पहुंचते हैं। व्यायाम करने से शरीर में हवा और रक्त का बेहतर संचालन होता है जो शरीर की त्वचा के लिए फायदेमंद साबित होता है।
टिप्सखान पान पर ध्यान (Food Habits)- पोषक पदार्थ का सेवन करें जैसे कि फ्रूट्स, दूध, दही, टमाटर, आटा, हरी सब्जियां, मछली आदि। तुलसी, पुदीना, हल्दी जैसी कई जड़ी-बूटियों के सेवन से भी शरीर की त्वचा को फायदा पहुंचता है। विटामिन सी और विटामिन ए युक्त पदार्थ खाएं।
नींद पूरी लें (Get Enough Sleep)- रात में कम से कम सात से आठ घंटे की नींद बेहद जरूरी होती है। दिन की नींद से ज्यादा फायदेमंद रात की नींद होती है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने सोने का एक टाइम टेबल बना लें। नींद पूरी लेने से चेहरे पर एक अलग निखर आता है।
नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements)- एजिंग सप्लिमेंट्स लेने से उम्र बढ़ने पर पड़ने वाली झुर्रियों से आपको निजात मिलती है। इसके अलावा गुलाब जल, ग्लिसरीन, ज़िंक, विटामिन ए और ई से युक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी अच्छा ऑप्शन है, एलोवेरा और टी ट्री ऑयल आपके चेहरे में प्राकृतिक चमक बनाए रखने में सक्षम हैं।
ब्यूटी प्रोडक्ट्स का कम करें इस्तेमाल टिप्स (Avoid excess use of beauty products)- मेकअप का कम इस्तेमाल करें, घर से निकलते समय सनस्क्रीन का प्रयोग करें, खूब पानी पिएं, त्वचा को क्लींसिग, स्क्रबिंग और स्टीम दें, त्वचा को समय समय पर एक्सफोलिएट व मॉइस्चराइज करें।

अन्य टिप्स(Other Tips)-
धूम्रपान, शराब का सेवन न करें, योग और व्यायाम करें, खूब पानी पिएं, ज्यादा एसपीएफ वाली सनस्क्रीन लगाएं, अपने स्किन केयर प्रोडक्ट्स को जल्दी जल्दी ना बदलें और एक हेल्दी लाइफ जीने की कोशिश करें।

Roshni Chand's photo.

घर में बनाये आयुर्वेदिक फेसपैक सारी स्कीन प्रॉब्लम्स खत्म हो जाएंगी...!

Homemade Ayurvedic Skin Problems, will remove all Fespak 
* आजकल त्वचा को वातावरण के प्रदूषण, धूल-मिट्टी, धूप इत्यादि का सामना करना ही पड़ता है। ऐसे में त्वचा मुरझाई-सी दिखने लगती है। उम्र के साथ होने वाले हार्मोनल परिवर्तन से, प्रदूषण से व कई अन्य कारणों से स्कीन प्रॉब्लम्स सताने लगती हैं। अगर आपके साथ भी कोई स्कीन प्रॉब्लम हैं तो घर पर ही नीचे लिखी विधि से आयुर्वेदिक फेसपैक बनाकर उससे मुक्ति पा सकते हैं।
* चेहरे पर चेचक, छोटी माता या बड़ी फुंसियों के दाग रह गए हैं तो दो पिसे हुए बादाम, दो चम्मच दूध और एक चम्मच सूखे संतरों के छिल्कों का पावडर मिलाकर आहिस्ता-आहिस्ता फेस पर मलें और छोड़ दें।
* हफ्ते में एक बार स्क्रब करें। घरेलु स्क्रब बनाने के लिए एक चम्मच दरदरा चावल का आटा, 1 चम्मच दरदरी मसूर की दाल का पाउडर, 1/2 उड़द की दाल का दरदरा पाउडर, 1 चम्मच गुलाब जल और 1/2 चम्मच शहद मिलाकर गाढा पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाएं। हलका सूखने पर स्क्रब करते हुए हटाएं। रंग निखर जाएगा।
* हल्दी को मलाई में डालकर चेहरे पर रगडऩे से त्वचा चमकीली बनती है। हल्दी को कच्चे दूध में डालकर मुंहांसों पर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते हैं।
* आधा चम्मच संतरे का रस लेकर उसमें 4-5 बूंद नींबू का रस, आधा चम्मच मुल्तानी मिट्टी, आधा चम्मच चंदन पाउडर और कुछ बूंदें गुलाब जल की। इन सबको मिलाकर कर थोड़ी देर के लिए फ्रिज में रख दें। इसे लगा कर 15-20 मिनट तक रखें। इसके बाद पानी से इसे धो दें। यह तैलीय त्वचा का सबसे अच्छा उपाय है।
* अगर आपकी त्वचा ड्राई है, तो काजू को रात भर दूध में भिगो दें और सुबह बारीक पीसकर इसमें मुल्तानी मिट्टी और शहद की कुछ बूंदें मिलाकर स्क्रब करें।
* धूप से हुई सांवली त्वचा में फिर से निखार लाने के लिए नारियल पानी, कच्चा दूध, खीरे का रस, नींबू का रस, बेसन और थोड़ा-सा चंदन का पावडर मिलाकर उबटन बनाएं, इसे नहाने के एक घंटे पहले लगा लें। सप्ताह में दो बार करें। सांवलापन खत्म हो जाएगा।
* रोमछिद्र ज्यादा बड़े हो गए हों तो उन पर टमाटर का रस, नींबू का रस और कच्चा दूध तीनों का पैक बनाकर लगाएं।

Gurpreet Singh's photo.

माइग्रेन की समस्या को दूर करने के प्राकृतिक अचूक उपाय

The sure way to overcome the problem of migraine natural

माइग्रेन का दर्द होने पर आप देशी घी में गुड खायें यह आधे सिर मे होने वाले दर्द से निजात दिलाता है। यदि दर्द सुबह से ही होने लगे तो आप दूध में जलेबी या रबड़ी का सेवन करें। एैसा करने से आधे सीसी का दर्द रूक जाता है।माइग्रेन के दर्द से यदि उल्टी हो रही हो तो खाने के समय में रोगी को शहद खिलाएं एैसा करने से उल्टी और दर्द बंद हो जाता है। यदि दर्द सुबह से ही शुरू हो जाता है तो तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें और फिर इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें। यह दर्द में राहत देगा और धीरे-धीरे माइग्रेन के प्रभाव को कम करेगा।
आधे सिर के हिस्से में दर्द ज्यादा हो तो आप रोगी को आधा चम्मच शहद में आधा चम्मच नमक मिलाकर चटाएं। हींग भी माइग्रेन के दर्द से रहात देने में असरकारी है। आप पानी में हींग को अच्छी तरह से घोल लें फिर इसे सूंघे और इसका लेप माथे पर लगाएं। दर्द से निजात मिलेगा।
अंगूर का रस सुबह पीने से माइग्रेन के दर्द से निजात मिलता है। सुबह से शुरू होने वाले दर्द में आप सुबह-सुबह ही 150 ग्राम पानी में 50 ग्राम शक्कर मिलाकर धीरे-धीरे पीएं यह सिर दर्द से मुक्ति दिलवाता है। आधे सिर के दर्द से निजात पाने के लिए आप सूर्योदय से पहले उठकर 25 ग्राम खील को शहद के साथ सेवन करें और फिर आधे घंटे की नींद लें एैसा 1 सप्ताह तक करने से माइग्रेन के दर्द से मुक्ति मिलती है।
लहसून माइग्रेन के दर्द से निजात दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लहसून को पीस कर उसका लेप दर्द वाली जगह पर लगाने से दर्द से निजात मिलता है साथ ही आप लहसून के रस की दो छोटी बूंदे नाक के छिद्र में डालें।
माइग्रेन का सही समय पर इलाज होना जरूरी है क्योंकि इस दर्द से रोगी बेचैन हो जाता है और गलत दवाइयों का सेवन करने लगता है। जिसकी वजह से दूसरी और बीमारियां रोगी को लग जाती है। आयुर्वेद में माइग्रेन का सटीक इलाज मौजूद है लेकिन यदि दर्द बहुत ही तेज है तो आप तुरंत डाक्टर को दिखाना न भूलें।
माइग्रेन के कारण
माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं। काम की थकान, तनाव, समय पर भोजन न करना, धूम्रपान, तेज गंध वाले परफ्यूम से, बहुत ज्यादा या कम नींद लेना इसका कारण हो सकते हैं। इसके अलावा मौसम का बदलाव, हार्मोनल परिवर्तन, सिर पर चोट लगना, आंखों पर स्ट्रेस पड़ना या तेज रोशनी, एक्सरसाइज न करने से भी माइग्रेन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है। कई लोगों को तेज धूप, गर्मी या ठंड से भी परेशानी होती है। जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है।
माइग्रेन का इलाज:-कभी-कभार माइग्रेन का हल्का-फुल्का दर्द होने पर दैनिक काम प्रभावित नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार ऐसे रोगी बिना किसी डाक्टरी राय के सीधे दवाई विक्रेता से मिलने वाले आम दर्दमारक दवाइयां ले सकते हैं, जैसे कि क्रोसीन या गैर-स्टैरॉयड जलन मिटाने वाली गोलियां डिस्प्रिन, ब्रूफेन और नैप्रा।
भीषण दर्द होने पर दो प्रकार की दवाएं काफी प्रभावशाली होती हैं, जिन्हें इन रोगियों को सदा अपने साथ रखना चाहिए। पहली- जलन मिटाने वाली कैफीन रहित गोलियां नैप्रा-डी, नैक्सडॉम और मेफ्टल फोर्ट। और दूसरी ट्रिप्टान दवाएं- जैसे कि सुमिनेट टैब्लेट, नैसाल स्प्रे या इंजेक्शन, राइज़ैक्ट या फिर ज़ोमिग। पहले ट्रिप्टान दवाएं तब दी जाती थीं, जब माइग्रेन पर आम पेन किलर्स का कोई असर नहीं होता था। इसके बाद नए शोध से पता चला कि भीषण दर्द में सीधे ही ट्रिप्टान दवाओं का सहारा लेना अधिक कारगर होता है। ट्रिप्टान दवाएं दर्द शुरू होने से पहले, या मामूली दर्द शुरू हो जाने पर भी ली जा सकती हैं। इससे इनका असर बढ़ जाता है। ऐसा करके माइग्रेन के ८० प्रतिशत हमलों को दो घंटे में खत्म किया जा सकता है। इससे दवा का दुष्प्रभाव (साइड-इफैक्ट) भी कम हो जाता है, और अगले २४ घंटों में माइग्रेन दर्द की संभावना भी नहीं रहती।
वैज्ञानिको के अंनुसार जो लोग माइग्रेन के दर्द से पीड़ित होते हैं उन्हें छोटी-सी सर्जरी से फ़ायदा हो सकता है।अमरीकी डॉक्टरों का कहना है कि यदि माथे और गर्दन की कुछ माँसपेशियाँ हटा दी जाएँ तो इससे माइग्रेन से छुटकारा दिलाया पाया जा सकता है। इन डॉक्टरों ने एक साल में माइग्रेन से पीड़ित सौ लोगों की सर्जरी की और पाया कि उनमें से ९० लोगों को या तो माइग्रेन से छुटकारा मिल गया था या फिर उसमें भारी कमी आई थी।

Rajesh Mishra's photo.

नींबू और उपचार

Lemon and treatment

१। नींबू को रोज नाखुनो पे रगडें,रस सूख जाने पैर पानी से धो लें।
२। एक गिलास पानी में निम्बू निचोड़ लें, सेंधा नमक मिलाकर रोज सुबह श्याम १ से १.५ महिना सेवन करें। पथरी निकल जाती है।
३। एक चमच निम्बू के रस में दो चम्मच पानी और ३ चम्मच चीनी मिलाकर बालों में लगायें,१ से १ से १.५ घंटे बाद सिर को धो लें,रुसी[dendraf] ठीक हो जाता है।
४। एक गिलास गर्म पानी में आधा निम्बू निचोड़ कर सुबह श्याम गरारे करें,गला दर्द,गला बैठाना रोग दूर होते हैं।
५। पपीते में निम्बू व कलि मिर्च डालकर खाएं [१ हफ्ते तक] अपचन ठीक हो जाता है।
६। १ चम्मच निम्बू का रस,१ चम्मच पीसी हुई अजवायन,आधा कप गर्म पानी मिलाकर रोज पियें गैस हो तो ठीक हो जाती है।
७। निम्बू की १ फांक में पिसा हुआ जीरा,काली मिर्च व काला नमक ७ दिन,दिन में दो बार लेने से पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं।
८। तेज गर्म पानी में निम्बू निचोड़ कर घूंट-घूंट पीने से हिचकी ठीक हो जाती है।
९। १ कप ठंडे पानी में चूथाई नींबू नीचोड़ कर,सवाद के अनुसार चीनी व नमक मिलाकर २-२ घंटे में लें,दस्त बंद हो जाते हैं।
१०। नित्य नींबू का रस पीने से मोटापा घटता है।
११। नींबू का रस,२ चम्मच शहद मिलाकर चाटने से खांसी,जुकाम ठीक हो जाता है।
१२। मूली,अदरक के टुकड़े और नींबू डालकर खाने से रक्त की कमी दूर होती है।
१३। नींबू के रस को दातों पे मलने से दंत चमकने लगते हैं।
१४। रोज सुबह नींबू की मीठी शिकंजी पीने से चक्कर नही आते।

Rajesh Mishra's photo.

किडनी की समस्या का संकेत हो सकता है पीठ दर्द

Back pain can be a sign of a kidney problem

पीठ के दर्द को आमतौर पर गंभीरता से नहीं लिया जाता। लेकिन शोध कहता है कि यह दर्द किडनी की समस्या का संकेत भी हो सकता है। सुषमा कुमारी का आलेखः
एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक सिर दर्द के बाद पीठ दर्द दूसरी आम न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसकी वजह से अमूमन लोग और उनका काम प्रभावित होता है। व्यस्त जीवनशैली, तनाव और गलत पोस्चर हमें अक्सर पीठ या कमर दर्द से परेशान कर देता है। ऐसे में हम पेन किलर्स लेकर काम पर चल देते हैं। लेकिन एशियन इंस्टिटय़ूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (फरीदाबाद) के चीफ नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. जितेन्द्र कुमार के मुताबिक, बैकेक की समस्या हो और आप दर्द निवारक दवाएं लेकर निश्चिंत होने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं। कहीं आप खुद को परेशानी में न डाल रहे हों।
रहें सतर्क डॉ. कुमार कहते हैं कि बेशक, हमेशा ऐसा नहीं हो सकता, लेकिन सावधान होने और सतर्कता बरतने की जरूरत अवश्य है। पीठ दर्द का कारण गुर्दे से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है। या यूं कहें कि किडनी से जुड़ी बीमारियां पीठ दर्द के जरिए अपने होने का इशारा कर सकती हैं। समय रहते इसका पता न लगा लिया गया तो यह बड़ी समस्या का कारण बन सकता है। इस कारण बाद में आपकी किडनी प्रभावित हो सकती है और वह काम करना बंद भी कर सकती है। इसलिए पेन किलर्स लेने से पहले बीमारी का सही कारण की जानकारी जरूरी है।
जानकारी का अभाव अमूमन लोगों को यह मालूम नहीं होता कि हमारी दोनों किडनियां पीछे की ओर पीठ की दीवार से चिपकी होती हैं। ये दोनों किडनियां वर्टिब्रा के अगल-बगल होती हैं, जहां पसली (रिब) खत्म होती है। किडनी के कारण होने वाला दर्द पीठ के क्षेत्र में महसूस किया जाता है, जो स्पाइन के किसी भी भाग में पीछे की ओर पसलियों के लोअर एज (नीचे किनारे की ओर) में होता है।
किडनी में संक्रमण या छोटा स्टोन होगा तो वह पीठ की ओर होगा। ऐसे में आमतौर पर कमर का दर्द समझ कर मरीज पेन किलर ले लेते हैं, जो सही नहीं है। जानकारी के अभाव में दवा लेने से किडनी प्रभावित होती है और लोग पीठ दर्द के भ्रम में दर्द के मूल कारण की ओर ध्यान नहीं दे पाते हैं।
किडनी दर्द के कारण आमतौर पर किडनी के दर्द का दो कारण होते हैं-स्टोन और संक्रमण। व्यस्त जीवनशैली में पानी कम पीने और यूरिक एसिड (प्रोटीन) व पालक, टमाटर आदि अधिक मात्र में लेने से भी यह समस्या हो सकती है क्योंकि इससे खून में केमिकल्स/ यूरिक एसिड बढ़ जाता है।
जांच जरूर कराएं इसका सही-सही पता लगाने के लिए डॉक्टर यूरिन टेस्ट या किडनी का अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कह सकते हैं। जरूरत महसूस हो तो खून से जुड़ी अन्य जांच जैसे- सिटी स्कैन, न्यूक्लीयर स्कैन आदि की भी सलाह दी जा सकती है। इन जांचों को लेकर तनाव न पालें।
डरें नहीं स्टोन के आकार और उसकी सही स्थिति को देखकर बड़ी सर्जरी किए बगैर भी लिपोट्रैप्सी/लेजर/पीसीएनएल (पर क्यूटेनियस नेफ्रो लिथोट्रिप्सी) के जरिए स्टोन निकाला जा सकता है। इसलिए डरें बिल्कुल भी नहीं।
क्या करें जब पीठ सताए पीठ दर्द इतना बढ़ जाए कि सामान्य गतिविधियों में भी परेशानी होने लग जाए, पैर सुन्न हो जाएं, मसल्स कमजोर होने लगे तो समझ लें कि तुरंत उचित इलाज की जरूरत है। यूरिन पास करने में दिक्कत आ रही है या उसके साथ खून आ रहा है या जलन हो रही हो तो आप किडनी की समस्या से ग्रस्त हैं। जो लोग कम उम्र में ही डायबिटीज या हाइपरटेंशन के शिकार हो चुके हैं या पथरी समेत किडनी से जुड़ी कोई अन्य समस्या रही हो, तो उन्हें अधिक सचेत रहने की जरूरत है। दर्द निवारक गोलियां न लें।
क्यों होता है पीठ दर्द 
  स्टोन छोटा होगा तो दर्द ज्यादा करेगा। स्टोन बड़ा हो जाएगा तो दर्द कम महसूस होगा। इसका यह अर्थ नहीं कि स्टोन निकल गया। आप चाहे एलोपैथी, होम्योपैथी, आयुर्वेद या किसी भी अन्य पद्धति से इलाज करवा रहे हों, दर्द कम होने के बाद यह समझने की भूल न करें कि समस्या खत्म हो चुकी है। अल्ट्रासाउंड जरूर कराएं, ताकि सही स्थिति का पता चल सके।
यदि यूरिन में जलन, रुकावट और बुखार हो तो यूरिन संक्रमण की आशंका होती है, लेकिन किडनी वाले क्षेत्र में पीठ दर्द हो तो किडनी की समस्या (पाइलोनेफ्राट्स) की आशंका ज्यादा होती है। यदि उचित इलाज नहीं किया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। मधुमेह और गर्भावस्था के दौरान इसका खतरा और बढ़ जाता है।
किडनी में गांठ (कैंसर) हो गया हो, तब भी यह दर्द हो सकता है। इसे ग्लोमेरलो नेफरैटिस कहते हैं। इसमें दोनों गुर्दो में किसी बीमारी के कारण सूजन आ जाती है। इस कारण पीठ दर्द शुरू हो सकता है।
यूरिन में जलन या रुकावट हो, ब्लड या प्रोटीन लीक करे या सूजन हो तो यह संकेत है कि पीठ दर्द मामूली नहीं है। इसकी वजह किडनी की समस्या हो सकती है। इस लिए किसी भी तरह के पीठ दर्द को मामूली न समझों।
अन्य कारण 
सिगरेट पीना, शराब पीना, बढ़ती उम्र, व्यस्त जीवनशैली और तनाव, गलत पोस्चर, मोटापा, चोट, दुर्घटना

Rajesh Mishra's photo.

लोकोक्तियों में नेत्र-रोग निवारण

In folklore eye-disease prevention

अमीर के घर का कौआ
सबको मोर लगता है,

गरीब का बच्चा जब भूखा होता है
तो सबको चोर लगता है।।
1. काली मिर्च को पीसकर,घी बूरा संग खाय
नेत्ररोग सब दूर हों,गिद्ध-दृष्टि हो जाए
2. मिट्टी के नव-पात्र में,त्रिफला रात्रि में डाल
रोज़ सवेरे धोय के,नेत्ररोग को टाल
3. ताम्र के एक पात्र में, घमिरा रस को निचोय
रूई साफ भिगोय के,लीजे छांह सुखाय
4. सरसों तेल मिलाय के,आग में देहु जलाय
ढकिए थाली फूल की,काजल लेहु बनाय
5. कालिख सरसों तेल में,घिसै उंगली डार 
ऐसे सरल उपाय सो,काजल करो तैयार

Rajesh Mishra's photo.



कील मुंहासे झुर्रियां,मुहांसे दूर करने के उपाय

Nail acne, wrinkles, acne Shooting tips

आपके चांद जैसे पर चेहरे की दाग व झाइयां दूर करने के कुछ आसान उपाय
1-आपके चेहरे की झाइयां दूर करने के लिए आप नींबू, हल्दी और बेसन का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगा सकते हैं इस्को लगाने के 25-30 मिन्ट बाद इस लेप को मोसम अनुसार हलके गरम पाने से धो कर चेहरे पर गुलाब जल की की कुछ बुंद जरुर लगा लें इतना धयान जरूर रखें कि हलदी अपने हाथ से पिस्वाई गई हो । बजार से ली गई नकली या मिलावटी हलदी फ़ायदे की जगह नुकसान कर सकती है I

2-अगर संभव हो तो जोहड की काली मिटी अपने घर ला कर कूट पीस कार छान लें
इस छाअनी हुई मिटी मे से तकरीबन 100 ग्राम मिटी भिगो कर रात को सोने से 1 घंटा पहले लगा लें
तथा सोते वकत इस्को कुन्कने पानी से धो कर गुलाब जल लगा ले 20-25 दिन मे चमत्कार खुद देख लें
3-पके हुए पपीते के गुदे को चेहरे पर मसलने से भी चेहरे के दाग व झाइयां दूर हो जाती हैं इस प्र्योग को लगातार 50-60 दिन तक करना चाहीए।

चेहरे पर होने वाली झाइयां व दागो को दूर करने के लिए आवशक है कि आप पुरी तरह सवस्थ हो व आप्को किसी तरह कि मासिक दिक्कत,मान्सिक परेशानी, टेन्शन इत्यादी ना हो I
अगर आप किसी परेशानी मे हैं तो पहले अपनी उक्त परेशानी दूर करें व टेन्शन व मान्सिक परेशानी को भूल जाएं कयोकि अगर इसके सभी परिणाम बुरे है ओर यह किसी समस्या का निदान नही हैI
आपको हर रोज कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए । अगर हो सके तो नहर का पानी पीना चाहीए I

Rajesh Mishra's photo.

घरेलू उपायों से पीलिया से पाएं निजात

Get rid of domestic measures jaundice


पीलिया रोग के चलते बिल्कुल टूट जाता है और कमजोरी आ जाती है। ऎसे में डॉक्टर से परामर्श लेना तो जरूरी है ही लेकिन आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर भी पीलिया से बेहतर ढंग से मात दे सकते हैं। इससे पहले जानते हैं पीलिया के लक्षण के बारे में-
रोग के लक्षण
रक्त की कमी, त्वचा और आंखों का पीला होना। कमजोरी, सिरदर्द व बुखार, मिचली, भूख न लगना, थकावट, कब्ज, आंख-जीभ-त्वचा और पेशाब का रंग पीला होना।
कैसा हो खानपान
1. भोजन और नियमित व्यायाम करें। लेकिन स्थिति बेहद खराब हो तो आराम करना चाहिए।
2. पांच दिन उपवास करें और इस दौरान फल जैसे संतरा, नींबू, नाशपाती, अंगूर, गाजर, चुकंदर व गन्ने का रस पिएं।
3. उपवास के बाद सुबह उठते ही एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू निचोड़कर पिएं। नाश्ते में अंगूर, पपीता, नाशपती और गेहूं का दलिया लें।
4. रोगी को रोजाना गर्म पानी का एनीमा दें। इससे आंतों में मौजूद विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और रक्तसाफ होता है।
5. मुख्य भोजन में उबली हुई पालक, मैथी, गाजर, गेहूं की दो चपाती और एक गिलास छाछ लें।
6. दोपहर में नारियल का पानी ले।
7. रात के भोजन में एक कप उबली हुई सब्जियों का सूप, गेहूं की दो चपाती, उबले हुए आलू और हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे मेथी, पालक, बथुआ, सरसों आदि खाएं।
8. रात को सोने से पहले एक गिलास फैट फ्री दूध में दो चम्मच शहद मिलाकर लें।
9. प्रचुर मात्रा में हरी सब्जियों और फलों का जूस पिएं। नाशपाती खाने से लाभ होगा।
Rajesh Mishra's photo.

चेहरे पर दाग, निशान या झाइयां...करें सबका सूपड़ा साफ

Facial scar, mark or freckled ... all the rout


सूखी हल्दी की गाँठ को नींबू के रस में मिलाकर लगाने से फेस के दाग-धब्बे तेजी से मिटने लगते हैं।
ड्राय स्कीन के दाग-धब्बे मिटाने के लिए दूध में चंदन की लकड़ी घिसकर लगाएँ।
ऑइली स्कीन के दाग-धब्बे मिटाने के लिए चंदन का पाउडर रोज-वाटर (गुलाब जल) में मिलाकर लगाएँ। यह नुस्खा विशेष रूप से हॉट सीजन में लाभकारी है।
चोट के निशान पर लाल चंदन हर रोज पानी में घिस कर लगाएँ 20 दिन में फर्क नजर आने लगेगा।
अक्सर पेट की गड़बड़ी से चेहरे 
टोमेटो में नींबू की दस-बारह ड्रॉप मिलाएँ इस मिश्रण को चेहरे पर लगाने से दाग-धब्बे दूर होते हैं।पर दाग-धब्बे नजर आते हैं। अत: दिन में कम से कम तीन बार नींबू पानी पिएँ, कुछ ही हफ्तों में चेहरा चमकने लगेगा।

Rajesh Mishra's photo.

Monday, June 29, 2015

कड़ी पत्ता या मीठी नीम

Bay Leaves or sweet neem


अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है. इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता . कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है .इस पावडर को हम छाछ और निम्बू पानी में भी मिला सकते है .इसे हम मसालों में , भेल में भी डाल सकते है .इसकी छाल भी औषधि है . हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए और पड़ोसियों को भी इसका लाभ उठाने देना चाहिए . इससे कुछ अच्छा कार्य आपके खाते में जमा होगा .
- पाचन के लिए अच्छा, डायरिया, डिसेंट्री, पाइल्स, मन्दाग्नि में लाभकारी, मृदु रेचक .
- बालों के लिए बहुत उत्तम टॉनिक -सफ़ेद होने से और झड़ने से रोकता है .
- इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है .
- पेन्क्रीआज़ के बीटा सेल्स को एक्टिवेट कर मधुमेह को नियंत्रित करता है .
- हरे पत्ते होने से आयरन , जिंक, कॉपर, केल्शियम, विटामिन ए और बी, अमीनो एसिड, फोलिक एसिड आदि तो इसमें होता ही है .
Rajesh Mishra's photo.

रोज एक चम्‍मच जीरे के सेवन से तीन गुना तेजी से कम होता है फैट

A teaspoon cumin daily intake is less than three times faster Fat


वजन कम करना एक समस्‍या की तरह है।
जीरे का सेवन रोज करने से घटता है वजन।
यह फैट के अवशोषण को बाधित करता है। 

जीरे के सेवन से पाचनतंत्र होता है दुरूस्त।

● जीरा, एक ऐसा मसाला है जो खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू देता है। इसकी उपयोगिता केवल खाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं। कई रोगों में दवा के रूप में इसका इस्‍तेमाल किया जाता है। जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है। इसे मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में बहुत उपयोग किया जाता है। इसकी सबसे खासियत यह है कि यह वजन तेजी से कम करता है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये कैसे जीरे के सेवन से कम होता है वजन।
》 जीरा खाएं मोटापा घटाएं
वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है। एक बड़ा चम्‍मच जीरा एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये। बचा हुआ जीरा भी चबा लें।
इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाता है। इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ न खायें। भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है। इसके सेवन से न केवल शरीर से अनावश्यक चर्बी दूर हो जाती है बल्कि शरीर में रक्त का परिसंचरण भी तेजी से होता है। और कोलेस्‍ट्रॉल भी घटता है।

》 इन बातों का भी रखें ध्यान
1) इस दवाई को लेने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं। यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे यह चीजें छोड़ने पर ही दवा फायदा पहुचाएंगी। शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घंटे बाद दवाई लेनी है।

2) जीरा हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर हमें ऊर्जावान रखता है। साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी बढ़ता है। इससे ऊर्जा का स्‍तर भी बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म का स्‍तर भी तेज होता है। हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ-साथ फैट बर्न की गति को भी बढ़ाता है। पेट से सबंधित सभी तरह की समस्याओं में जीरे का सेवन लाभकारी है।
3) जीरे का नियमित इस्तेमाल शरीर की शोधन की प्रक्रिया को तेज करता है। मोटापा कम करने के अलावा भी जीरा कई तरह की बीमारियों में लाभदायक है।

Gurpreet Singh's photo.

मधुमेह को रोके :: विजयसार अम्रत रस है मधुमेह रोगियों के लिए

Diabetes is preventable :: marsupium Amrat juice for diabetics

 विजयसार नाम से एक लकड़ी है ये हमारे भारत में मध्य प्रदेश से लेकर पूरे दक्षिण भारत मे पाया जाता है। इसकी लकड़ी के टुकड़े हर जड़ी बूटी बेचने वाले पर आसानी से मिल जाते है। इसकी लकड़ी का रंग हल्का लाल रंग से गहरे लाल रंग का होता है।
* बाजार से आधा किलो विजयसार की लकड़ी के टुकड़े बाजार से ले आए। जिसमे घुन ना लगा हो। इसे लाकर सूखे कपड़े से साफ कर ले। अगर टुकड़े बड़े है तो उन्हे तोड़ कर छोटे (गेहु /चने के आकार के) टुकड़े बना ले।फिर आप एक मिट्टी का बर्तन ले और इस लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े लगभग पच्चीस ग्राम रात को दो कप या एक गिलास पानी में डाल दे । सुबह तक पानी का रंग लाल गहरा हो जाएगा ये पानी आप खाली पेट छानकर पी ले और दुबारा आप उसी लकड़ी को उतने ही पानी में डाल दे शाम को इस पानी को उबाल कर छान ले। फिर इसे ठंडा होने पर पी ले।
* इसकी मात्रा रोग के अनुसार घटा या बढ़ा भी सकते है अगर आप अग्रेजी दवा का प्रयोग कर रहे है तो एक दम न बंद करे बस धीरे -धीरे कम करते जाए अगर आप इंस्युलीन के इंजेक्शन प्रयोग करते है वह 1 सप्ताह बाद इंजेक्शन की मात्रा कम कर दे। हर सप्ताह मे इंस्युलीन की मात्रा 2-3 यूनिट कम कर दे।
* विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं l विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में बहुत उपयोगी मानता है
* प्रत्येक मधुमेह के रोगी को 15 दिन मे 1 बार पेट साफ की दवाई जरूर लेनी चाहिए।
* यह किसी को भी हानि नहीं करता केवल लाभ ही करता है. यह दवा सिर्फ 12 सप्ताह में मधुमेह को ठीक कर देती है।

Om Prakash's photo.

नाभि का टलना /हटना


Navel sidestep / Shrink:

आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर तथा स्त्रियों की नाभि दाईं ओर टला करती है।
यदि नाभि का स्पंदन ऊपर की तरफ चल रहा है याने छाती की तरफ तो यकृत प्लीहा आमाशय अग्नाशय की क्रिया हीनता होने लगती है ! इससे फेफड़ों-ह्रदय पर गलत प्रभाव होता है। मधुमेह, अस्थमा,ब्रोंकाइटिस -थायराइड मोटापा -वायु विकार घबराहट जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं। 
यही नाभि मध्यमा स्तर से खिसककर नीचे अधो अंगों की तरफ चली जाए तो मलाशय-मूत्राशय -गर्भाशय आदि अंगों की क्रिया विकृत हो अतिसार-प्रमेह प्रदर -दुबलापन जैसे कई कष्ट साध्य रोग हो जाते है !फैलोपियन ट्यूब नहीं खुलती और इस कारण स्त्रियाँ गर्भधारण नहीं कर सकतीं। स्त्रियों के उपचार में नाभि को मध्यमा स्तर पर लाया जाये ! इससे कई वंध्या स्त्रियाँ भी गर्भधारण योग्य हो जाती है ।
बाईं ओर खिसकने से सर्दी-जुकाम, खाँसी,कफजनित रोग जल्दी-जल्दी होते हैं।

- दाहिनी तरफ हटने पर अग्नाशय -यकृत -प्लीहा क्रिया हीनता -पैत्तिक विकार श्लेष्म कला प्रदाह -क्षोभ -जलन छाले एसिडिटी [अम्लपित्त ]अपच अफारा हो सकती है।
प्रयोग .......
1*.दोनों हथेलियों को आपस में मिलाएं। हथेली के बीच की रेखा मिलने के बाद
जो उंगली छोटी हो यानी कि बाएं हाथ की उंगली छोटी है तो बायीं हाथ को
कोहनी से ऊपर दाएं हाथ से पकड़ लें। इसके बाद बाएं हाथ की मुट्ठि को कसकर
बंद कर हाथ को झटके से कंधे की ओर लाएं। ऐसा ८-१० बार करें। इससे नाभि
सेट हो जाएगी।ऐसा ही दाई और की नाभि टलने में करें !
२*.नाभि सेट करके पाँव के अंगूठों में चांदी की कड़ी भी पहिनाई जाती है !कमर पेट हमेशा कस कर बांधे जाने चाहिए !
३*.दो चम्मच पिसी सौंफ, ग़ुड में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज खाने से नाभि का
अपनी जगह से खिसकना रुक जाता है
४.*सीधा (चित्त) सुलाकर उसकी नाभि के चारों ओर सूखे आँवले का आटा
बनाकर उसमें अदरक का रस मिलाकर बाँध दें एवं उसे दो घण्टे चित्त ही
सुलाकर रखें। दिन में दो बार यह प्रयोग करने से नाभि अपने स्थान पर आ
जाती है हैं।
५*.नाभि खिसक जाने पर व्यक्ति को हल्का सुपाच्य पथ्य देना चाहिए । दिन में एक-दो बार अदरक का 2 से 5 मिलिलीटर रस बराबर शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। ११ काली मिर्च २०० ml पानी में २ TSF शक्कर डाल धीमी आंच उबाले ,१०० ml शेष रहने पर १ TSF घी डालकर पीना लाभ करता है !
६.* कमर के बल लेट जाएं और पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कर लें। इसके लिए लेटकर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से पैर को पकड़ लें व पैर को खींचकर मुंह तक लाएं। सिर उठा लें व पैर का अंगूठा नाक से लगाने का प्रयास करें। जैसे छोटा बच्चा अपना पैर का अंगूठा मुंह में डालता है। कुछ देर इस आसन में रुकें फिर दूसरे पैर से भी यही करें। फिर दोनों पैरों से एक साथ यही अभ्यास कर लें। ३-३ बार करने के बाद नाभि सेट हो जाएगी। 

7 * कमर के बल लेटकर पेट की मालिश भी की जा सकती है। इसके लिए सरसों का तेल लेकर पेट पर लगाएं और नाभि स्पंदन जो ऊपर या साइड में सरक गया है, उस पर अंगूठे से दबाव डालते हुए नाभि केंद में लाने का प्रयास करें।
8* दो चम्मच पिसी सौंफ, ग़ुड में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज खाने से नाभि का अपनी जगह से खिसकना रुक जाता है।
९.* नाभि खिसक जाने पर व्यक्ति को मूँगदाल की खिचड़ी के सिवाय कुछ न दें। दिन में एक-दो बार अदरक का 2 से 5 मिलिलीटर रस पिलाने से लाभ होता है।

10 * दो चम्मच पिसी सौंफ, ग़ुड में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज खाने से नाभि का अपनी जगह से खिसकना रुक जाता है।

Om Prakash's photo.