Tuesday, December 23, 2014

मर्कटासन(Markatasan)-२

मर्कटासन(Markatasan)-२ 
विधिः 
१.     सीधे लेटकर दोनों हाथों को कंधों के साथ समानान्तर फैलाइए। हथेलियाँ आकाश की ओर खुली हों।दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर नितम्बों के पास रखें। पैरों में लगभग डेढ़ फुट का अन्तर हो। 
२.     दायें घुटनो को दाए और जुकाते हुए भूमि पर टिका दें। इतना झुकाइए की बायां घुटना दाएं पंजे के पास पहुंच जाये तथा बाएं घुटने को भी दाई ओर दाएं घुटने के पास भूमि पर टिका दीजिए। गर्दन को बाई ओर मोड़कर रखें। इस तरह दूसरे पैर से भी करें। 


लाभ :
         कमरदर्द,सर्वाइकल(Cervical), स्पोंडोलाइटिस,स्लिपडिस्क(SLEEPDISC),सियाटिका(SIYATIKA) में विशेष लाभकारी हैं। पेटदर्द(Abdominal pain),दस्त(diarrhea),कब्ज(constipation) एवं गैस को दूर करता है। नितम्ब(hip), जोड़ो(joint) के दर्द में लाभकारी है। 

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