विधिः
१. वज्रासन की स्थिति में बैठ जाये। अब एड़ियों को खड़ा करके उन पर दोनों हाथों को छाती पर रखिए।
२. श्वास अन्दर भरकर ग्रीवा एवं सिर को पीछे की और झुकाते हुए कमर को ऊपर की और तान दें।
लाभ:
यह आसन स्वसन तन्त्र के लिए बहुत उपयोगी है। दमा के रोगियों के लिए लाभकारी है। सर्वाइकल स्पोंडोलाइटिस एवं सियाटिका आदि समस्त मेरुदण्ड के रोगो को दूर करता है और थाइराइड के लिए लाभकारी है।
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