विधिः सीधे खड़े होकर दाएं पैर को सामने से लेते हुए बाएं पैर से लपेटिए। दोनों हाथों को भी इसी तरह लपेटते हुए नमस्कार की मुद्रा में आईये। एक ओर से करने के पश्वात दूसरी ओर से कीजिएं।
लाभ:
अंडकोष वृद्धि एवं गुर्दो(kidney) के रोगो में यह आसन लाभदाएं है। हाथ-पैर में दर्द और अन्य विकृति को दूर करता है।
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